माँ सब जानती है (maa sab janti hai )
मैं कितना भी बोलूं सब ठीक है,
माँ कहाँ मानती है,
मेरे चेहरे की मुस्कुराहट के पीछे क्या है,
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माँ सब जानती है (maa sab janti hai ) |
चेहरे पर झूठी मुस्कान लिए,
मैं आता हूँ जब भी माँ के सामने,
माँ आँखों से पड़ लेती है दिल का हाल मेरे,
हर पल तैयार रहतीं हैं,मेरा हाथ थामने,
उसकी ममता की छाँव में,
मेरे हर गम की दवा मिलती है,
माँ की पनाह में,
जब प्यार से फेरे सर पर हाथ मेरे,
मुझे लगता है कोई तो है हर पल साथ मेरे,
मेरी चमकती आँखों के पीछे,राज क्या है ,
माँ बंद आँखों से भी जान लेती है,
मैं कितने सकून से सोता हूँ रातों में,
माँ मेरी आँखों का रंग देखकर पहचान लेती है,
दिल हो जब बेचैन मेरा
माँ के सीने से लगकर,
मेरे मन को मिलती शान्ति है,
मैं कितना भी बोलूं सब ठीक है,
माँ कहाँ मानती है,
मेरे चेहरे की मुस्कुराहट के पीछे क्या है,
* * * *
माँ की नजरें हैं सुक्ष्मदर्सी के जैसी,
माँ मेरी हर छोटी-से छोटी बात पर,
बडा ध्यान देती है,
जीवन पथ पर ना हों कोई मुश्किल ,
माँ मुझे हर बात पर ज्ञान देती है ,
मेरे जीवन का पहला उपहार माँ,
मेरा पहला प्यार माँ,
ईश्वर के दर्शन हो जाते हैं,
माँ देखकर तेरा चेहरा,
ईश्वर मिल जाता है माँ के रूप में यहाँ
माँ का प्यार है गंगा का पानी,
जो तन-मन को करें निर्मल मेरे,
माँ का साथ है मेरे जीवन की शक्ति,
उसके साथ से मिलती है खुशी हर पल मुझे,
ना मानने दे कभी हार मुझे,
ना खुद हार मानती है,
मैं कितना भी बोलूं सब ठीक है,
माँ कहाँ मानती है,
मेरे चेहरे की मुस्कुराहट के पीछे क्या है,
माँ सब जानती है।
* * *
माँ जैसा कोई हमदर्द नहीं
वो रहती बनकर पालनहार मेरा,
तेरे चरणों में है घर मेरा,
मैं हर घड़ी करूं सत्कार तेरा,
माँ तुम से है जीवन में रौनक मेरे,
मुझे जीवन देने वाली भी तूं,
मेरा जीवन बनाने वाली भी तूं,
रंग प्यार के है तेरे आँचल में,
खुशियों से चमके चेहरा तेरा,
मेरी ये ही है आरजू,
माँ तुम बोलो तो यूं लगे,
जैसे ईश्वर बोल रहा हो,
माँ तुम रुठो तो यूं लगे,
जैसे ईश्वर रूठ रहा हो,
माँ तुम से छुपा ना कोई दर्द मेरा,
तूं सब जानती है,
मैं कितना भी बोलूं सब ठीक है,
माँ कहाँ मानती है,
मेरे चेहरे की मुस्कुराहट के पीछे क्या है,
माँ सब जानती है।
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